वो आप ही तो हो...
जो मुझे इस दुनिया में लाया।
जिसने मुझे इस दुनिया में रहना सिखाया।
जिसने खड़ा होने के लिए मेरे पैर लड़खड़ाने दिए।
जिसने हर गलती पर मुझे जिंदगी का पहलू समझाया।
जिसने अपने जीवन का निचोड़ बहुत सरलता से मेरे विचारों में भर दिया।
जिसने जिंदगी के सबसे बुरे पल में मेरा हाथ थाम कर रखा।
जिसने रात रात भर जाग कर भी मेरी बेचैनी को दूर भगाया।
वो आप ही तो हो,,,
जो आवाज़ तक से पहचान लेता है, कि मेरे मन में कुछ उलझन है।
जो हर पल अपने बच्चों की उन ख्वाइशों को पूरा करने में लगा रहता है, जो कभी खुद की पूरी न हो सकी।
जिसने खुद की तरह मुझे सोचने को नही कहा बल्कि खुद अपनी सोच बनाने की शिक्षा दी।
जिसने सही गलत में अंतर करने का तरीका मुझे सिखाया ।
जिसने हमेशा सही दिशा का रास्ता दिखाया।
वो आपका ही तो कन्धा था,
जिसने मुझे काली अँधेरी रातों में सीने से लगाकर सुलाया।
जिसने मुझे गले लगाकर आगे बढ़ने को प्रेरित किया।
जिसने मुझे कस कर ऐसे गले लगाया जैसे बिना बोले ही बहुत कुछ कह दिया हो।
जिसने वो जगह दी जहां एक बच्चा खुदको सबसे ज्यादा महफूज समझ पाया।
पापा , आप वही तो हो,
जिसकी मै सबसे ज्यादा परवाह करती हूँ।
जिससे मै सबसे ज्यादा प्यार करती हूं।
जिसका हाथ मै हमेशा थामे रखना चाहती हूँ।
जिसका आशीर्वाद ही मेरे लिए सबसे बढ़कर है।
जिसका बेटा पुकारना ही मेरे लिए सबसे मीठा शब्द है।
जिसकी मैं कमज़ोरी नहीं ,ताकत बनना चाहती हूँ,
जिसकी मैं बेटी कहलाती हूँ।
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