मुझे नहीं चाहिए किसी तरह की मदद,
न ही किसी की संवेदना चाहिए ।
मेरी खुशियों की वजह बनने की कोशिश न करो,
मेरी खुशियां मुझ तक ही रहने दो न ।
मैं अब कहीं जाकर खुद को कुछ समझने लगी हूँ,
यूँ कहकर कि सबसे ज्यादा तुम मुझे जानते हो,
मेरी आशंका मत बढ़ाओ न ।
मैं खुद तक ही सीमित हूँ,
हाँ शायद, तो रहने दो न ।
मेरे हर एक हाव भाव के पीछे की कहानी ,
गुम ही रह जाने दो न ।
मैं खुश होने का दिखावा भी करूँ,
तो क्यों तुम सच का आईना दिखाते हो ?
मैं उस झूठी हंसी में भी तो,
कुछ न कुछ खुश महसूस अपने आप को पायी थी ।
मत पास आने की कोशिश करो,
मुझे मुझ तक ही रहने दो ।
मेरे पास अब बिल्कुल हिम्मत नहीं बची,
दिखावे का ढोंग रचने वाली मैं,
साहसी मत बतलाओ न ।
मैंने जितना खुदको बचा लिया है,
बस उतना ही रहने दो न ।
क्यों तुम हर बार कुछ ऐसा करने की कोशिश करते हो,
मुझे हर बार सोचने पर मज़बूर करते हो ।
मैं तुम्हारे काबिल नहीं का जवाब,
हर बार सिर्फ तुम ही हो करके क्यों दे देते हो ?
इतना दूर करके भी कोई कैसे दूर नहीं जाता है,
इसका जवाब ही मत दिया करो न ।
अरे तुम नहीं जानती खुदको,
ये मत ही बोला करो न ।
मुझे खुद को ही संभालने दो,
अपना हाथ मत बढ़ाओ न।
खुदको खुश रखना आने दो,
हर बार मेरी खुशियों की वजह बनने मत आओ न ।
खुद पर विश्वास करना सीखने दो,
तुम्हें मुझ पर ज्यादा विश्वास है मत बतलाओ न ।
खुदके रास्ते बनाने दो,
न कि मेरे रास्ते साफ़ करो ।
खुदके सुख दुख की साथी खुद को ही बनने दो,
हर बार आँसू पोछने न भागे आओ न ।
मैं खुद को मजबूत खुद के आंकड़ों में बना लूँ ,
बस इतनी सी तो ख्वाहिश है मेरी,
यूँ बार बार मेरी कमज़ोरी की वजह बनने मत आओ न ।
तुम दूर ही ठीक हो,
दूर ही रहो न ।
मुझे मुझ तक ही रहने दो न ।
0 Comments