क्या हुआ ,

क्या सोच रहे हो?

आज फिर उदास बैठे हो?

नहीं सम्भाल पा रहे खुदको?

रोज रोज खुद के साथ,

यारा, ऐसा क्यूँ करते हो?

कभी ज्यादा खुश हो जाते हो, 

या, कभी ज्यादा रो पड़ते हो ।

कभी बिन बात के झूम उठते हो, 

और कभी चुपचाप सर पकड़ कर बैठे रहते  हो?

सब ठीक ही तो है, 

कभी ऐसा खुद से कहते हों। 

और अगले ही पल ,

ये हो क्या रहा है सोचते हो। 

अच्छा ठीक से बैठकर सोचो ना हुआ क्या है।

अच्छा सोचा था, 

कुछ वक़्त को सम्भला भी था, 

पर फिर ढलती शाम के साथ बिखर गया ना

उन गुजरी यादों ने फिर मुझे जकड़ लिया ना,

अच्छा, चाहते क्या हो???

वही तो हर रोज़ खुद से पूछ रहा हूं ।

हुआ क्या है ?

वही तो नहीं समझ पा रहा हूं

सच कहूँ सोचा न था मेरा हाल ऐसा होगा,

मैं आवारा-सा हूं, कोई मेरा क्या बिगाड़ेगा,

तुम्हें पता है, तुम फिर से आवारा, बेफिक्र बन सकते हों।

किस्सा बुरा था, जिंदगी बुरी क्यूँ समझते हों?

हाँ, सब सही हैं अपनी जगह।

और मैं ये सब कुछ समझ भी जाऊँगा।

पर कहा ना, 

फिर ढलती शाम के साथ ढल जाउंगा

अच्छा तुम अधूरे हो?

नहीं बस खुदको अधूरा समझता हूं।

आदत बना ली है, 

हर रोज़ खुदके साथ नाइंसाफी करता हूं।


अच्छा, कभी खुद से इश्क किया हैं?

नहीं,ये तो कभी सोचा नहीं। 

तो अब तुम सिर्फ इतना करो ,

थोड़ा खुद को जरूरी समझो।

जो तुम्हें सही लगे कहने की जगह अपनी बात भी रखो। 

खाना पेट भरकर खाया करो ना।

और क्या मिलता है रात भर जगने में, 

नींद जरूरी है तुम्हारी, 

वक़्त पर सो जाया करो ना।

खुद को अब जरूरी समझो। 

मन करे तो बारिश में भीग लिया करो ना ।

सर्दी लग जाये तो खुदको अनदेखा ना करो, 

काढ़ा भी पी लिया करो ना।


नहीं ज्यादा कुछ नहीं करना हैं, 

बस खुदको इज्जत देना है।

खुदको वक़्त देना हैं, 

ये करना है वो करना है की फिक्र छोड देना हैं । 

थोड़ा आवारा सा फिर बनना हैं।

मुह फाड़ कर नहीं, 

अब दिल से मुस्कुराना हैं।

आईने के सामने खड़े हो खुदा का शुक्रिया भी अदा करना है, 

थोड़े पुराने यारों को फिर से मिलना हैं।

बिन बात सबको फिर छेड़ना हैं।


सुनो, 

यूँ तो ज्यादा कुछ करना नहीं, 

बस खुदको अब थोड़ा जरूरी समझना है।

फिर देखना इस बार कोई जादू ही हो जाये,

जैसा कभी किसी पर ना आया हो, 

ऐसा दिल खुद पर ही आजाये।

कोई नया मिल जाये तो अब दिल भी लगा लेना, 

फिर छोड गया तोड़ गया तो फिक्र ना करना ।

मजबूत इतने हुए हो कि इस बार हंस दोगे,

पागल, क्या खो गया ये सोच,

उस पर ही हंस दोगे।


अरे चलते चलो ना, 

जिंदगी का तो यही है रोना धोना, 

हमको तो है हर हाल में खुश रहना, 

और इसके लिए है खुदको जरूरी समझना। ।

अच्छा, उदास बैठे हो अब भी?

लगता है मुस्कुरा दिए ❤